जब एक महारानी की जिद के आगे झुके भगवान राम, भगवान ने भी रख दी एक शर्त

जब एक महारानी की जिद के आगे झुके  भगवान राम, भगवान ने भी रख दी एक शर्त
25 अप्रेल को रामनवमीं के मौके पर हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जिसमें भगवान राम, महारानी की जिद के आगे झुक गए थे और उस जिद के बाद भगवान राम ने भी अपनी एक शर्त रखी थी। शर्त के पूरी होने के बाद ही भगवान राम ओरछा आए और उनको वहां राजा राम के रूप में पूजे जाने लगे , यह मंदिर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के ओरछा में स्थित है जहां पर राम की पूजा भगवान के रूप में नहीं बल्कि राजा के रूप में राम की जाती है। महारानी राजा राम को अयोध्या से ओरछा लाई थीं ...

- ओरछा के महाराजा मधुकरशाह ने अपनी पत्नी गणेशकुंवरि से वृंदावन चलने को कहा, लेकिन रानी राम भक्त थीं, तो उन्होंने वृंदावन जाने से मना कर दिया।

- राजा ने गुस्से में आकर महारानी से कहा कि- इतनी राम भक्त हो तो जाकर अपने राम को ओरछा ले आओ।

- रानी अयोध्या गई और सरयू नदी के किनारे अपनी कुटी बनाकर साधना शुरू कर दी और वहां पर संत तुलसीदास से आशीर्वाद पाकर रानी की तपस्या और कठोर हो गई।
- रानी को कई महीनों तक राजा राम के दर्शन नहीं हुए तो वो निराश होकर अपने प्राण देने सरयू में कूद गई और जहां उन्हें नदी में राजा राम के दर्शन हुए।
ये शर्त रखी थीभगवान राम ने...
- रानी ने भगवान राम से ओरछा चलने का निवेदन किया।
- उस समय भगवान श्रीराम ने शर्त रखी थी कि वे ओरछा तभी जाएंगे, जब इलाके में उन्हीं की सत्ता रहे और राजशाही (राजा का शासन) पूरी तरह से खत्म हो जाए।
- इस बात पर महाराजा मधुकरशाह ने ओरछा में ‘रामराज' की स्थापना की, जो आज भी वैसी ही है।
पुलिस के जवान रोजाना देते हैं सलामी...
- राजा राम को सूर्योदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात सलामी दी जाती है। 
- इस सलामी के लिए मध्यप्रदेश पुलिस के जवान तैनात होते हैं।
- इस मंदिर में कोई भी बेल्ट लगाकर नहीं जा सकता, क्यों कि ये राजाराम का है और दरबार में कमर कस कर नहीं जा सकते।
- सिर्फ राजा राम की सेवा में तैनात सिपाही ही कमरबंद लगा सकते हैं
जय श्री राम ..

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